पीयूष मिश्रा ने पीएमओ को लिखा पत्र, इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग
- महामारी अधिनियम का उल्लंघन करने संबंधी की शिकायत
भिलाई नगर। निगम के निवर्तमान पार्षद पीयूष मिश्रा ने आज प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र प्रेषित कर महामारी अधिनियम का उल्लंघन करने संबंधी शिकायत कर दोषी पर कार्रवाई करने की मांग की है। श्री मिश्रा ने बताया कि 20 अप्रैल को जिला चिकित्सालय दुर्ग के अधिकारियों के द्वारा कोविड-19 से संक्रमित (पॉजिटीव) लोगों की एक सूची जारी की गई। जिसमें 549 लोगों के नाम पते और मोबाईल नंबर के साथ दर्ज है। इसी सूची में 273 नंबर पर भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव का नाम कोरोना पॉजिटीव के रूप में दर्ज है। इसके बाद भी इनके द्वारा घुम-घुम कर जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय सेक्टर-09, चन्दूलाल चन्द्राकर कोविड सेंटर कचान्दूर एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारियों के साथ एवं जहां-जहां कोविड वैक्सिनेशन सेंटर है इन सब जगहों पर लोगों से मिल रहे है। जब कि पॉटोकॉल के अनुसार इन्हें पॉजिटीव आने के उपरांत या तो हॉस्टिपल में भर्ती हो जाना चाहिए या तो होम कोरेन्टाईन होना चाहिए ताकि इनके द्वारा और लोग संक्रमित ना हो। किन्तु इन्होने ऐसा न कर सभी लोगों के संपर्क में आने का लापरवाही पूर्ण कार्य किया।
प्रधानमंत्री को प्रेषित पत्र यहां देखें
श्री मिश्रा ने बताया कि इसके बाद मेरे द्वारा जिला कलेक्टर दुर्ग को इस संबंध में लिखित शिकायत दी गई और इनके विरूद्ध महामारी अधिनियम के तहत कार्यवाही करने का निवेदन भी किया गया। किन्तु इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई है, इसके विपरित मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी दुर्ग के द्वारा भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव को बचाने के लिए 25 अप्रैल को एक प्रेस रिलिज जारी कर यह कहा गया कि 20 अप्रैल को कोरोना पॉजिटीव लोगों की जो सूची जारी की गई है जिसमें देवेन्द्र यादव का नाम 273 नंबर पर है इनका सैम्पल 11/04/2021 को लिया गया था। जबकि भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव द्वारा अपने ट्रविटर एकाउंट से जो जानकारी स्वयं दी है की उनकी कोरोना रिपोर्ट 04/04/20121 को पॉजिटीव आई है। इसके बाद 13/04/2021 को भी रिपोर्ट पॉजिटीव आई है, और इसके बाद 15/04/2021 को नेगेटिव आई है। किन्तु इनके जारी कि गई रिपोर्ट का ठीक से अवलोकन करने पर ज्ञात होता है कि 04/04/2021 को इनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटीव आने के बाद इन्होंने 11/04/2021 को सुबह 11 बजे अपना टेस्ट कराया जिसकी रिपोर्ट 13/04/2021 को शाम 4.20 मिनट पर पॉजिटीव आती है। किन्तु इस रिपोर्ट का इंतजार किए बगैर वे अपना टेस्ट 13/04/2021 की सुबह 11 बजे फिर से टेस्ट कराते है, जिसकी रिपोर्ट 15/04/2021 को 10.15 मिनट पर नेगेटिव आती है।
प्रश्न ये उठता है कि जो टेस्ट उन्होंने 11/04/2021 को कराया जिसकी पॉजिटीव रिपोर्ट 13/04/2021 को शाम 4.20 को आ गई तो मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी के द्वारा ये ब्यान कैसे दिया जा रहा है, कि 11/04/2021 की लिए गये सैम्पल की रिपोर्ट 20/04/2021 को जारी की गई है ये अपने आप में जॉच का विषय है।
दूसरा प्रश्न 11/04/2021 को जो सैम्पल लिया गया उसकी रिपोर्ट का इंतजार किए बगैर 13/04/2021 की सुबह फिर से सैम्पल जॉच के लिए दिया जा रहा है और जिला चिकित्सालय के द्वारा ही जो 20/04/2021 को जो कोरोना पॉजिटीव लोगों की जो सूची जारी की गई है जिसमें विधायक देवेन्द्र यादव का भी नाम है इस सूची के लोगों से संपर्क करने से पता चलता है कि इस सूची के सभी लोगों ने अपना कोरोना टेस्ट करने के लिए सैम्पल 17 एवं 18 व 19 अप्रैल को ही दिया है। तो यह कैसे संभव है कि केवल एक व्यक्ति वो भी विधायक जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसिन है उसकी जॉच रिपोर्ट 10 दिन में आती है, और अगर यह सच है तो आम लोग अपनी जॉच कराने के लिए कितना संघर्ष कर रहे होंगे।
श्री मिश्रा ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि विधायक देवेन्द्र यादव कि 04/04/2021 की जो पॉजिटीव रिपोर्ट आई है जो कि एम्स हॉस्टिपल रायपुर द्वारा जारी की गई है, और 20/04/2021 की जो रिपोर्ट जिला चिकित्सालय के द्वारा जारी की गई है। उसमें एक आई.सी.एम.आर. आईडी नंबर जनरेट होता है जो इन दोनों ही रिपोर्ट में दर्ज है। किन्तु विधायक देवेन्द्र यादव द्वारा 13/04/2021 व 15/04/2021 को जारी की गई रिपोर्ट में ये आई.सी.एम.आर. आईडी नंबर कहीं भी दर्ज नहीं है। जिससे यह दोनों ही रिपोर्ट और मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी का ब्यान दोनों ही संदेह के घरे में है, इन विषयों की गंभीरता से जांच कर दोषी लोगों के ऊपर कार्यवाही करने का कष्ट करें, साथ ही प्रदेश एवं जिले संबंधित सभी अधिकारियों को यह निर्देशित करे की ऐसे गंभीर विपदा की स्थिति में पॉटोकॉल का पालन स्वयं भी करे और अन्य लोगों से भी कराये।
उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री सहित केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार, स्वास्थ्य मंत्री छ.ग. शासन, मुख्य सचिव छ.ग. शासन, स्वास्थ्य सचिव छ.ग. शासन, कलेक्टर दुर्ग एवं मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी दुर्ग को पत्र प्रेषित किया है।