37 साल पहले आज ही दिन.... वो हुआ जो किसी ने सोचा ही नहीं था

37 साल पहले आज ही दिन.... वो हुआ जो किसी ने सोचा ही नहीं था

क्रिकेट को धर्म मानने वाले भारत देश में 37 साल पहले आज ही के दिन लोगों को खुशी की पहली बड़ी वजह दी थी। 37 वर्ष पहले आज ही दिन भारत दो बार के विश्व चैंपियन वेस्ट इंडीज को हराकर क्रिकेट का सिरमौर बना था। कपिल देव की कप्तानी वाली ये टीम 25 जून 1983 को शिखर पर पहुंची थी। इस बात को भले 37 साल बीत गए हों लेकिन क्रिकेटप्रेमियों को आज भी याद है कप हाथ में थामे कपिल के चेहरे पर खिली मुस्कान।

हर चार साल में विश्व कप के दौरान टीवी पर बारंबार वह नजारा आंखों के सामने आ जाता है। उसके बाद भारत को 28 बरस इंतजार करना पड़ा जब अप्रैल में वानखेड़े स्टेडियम पर दोबारा विश्व कप उसकी झोली में आया। युवराज सिंह और हरभजन सिंह की आंखों से गिरते आंसू, विराट कोहली के कंधे पर सचिन तेंदुलकर और पूरे देश में मानों दीवाली सा जश्न। सुनील गावसकर, कपिल देव और क्रिस श्रीकांत की पीढ़ी के जुनून को तेंडुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और वीरेंदर सहवाग जैसे सितारों ने आगे बढ़या।

भारत ने इंग्लैंड में लॉर्ड्स पर खेले गए 1983 विश्व कप फाइनल में मजबूत वेस्टइंडीज टीम को 43 रन से शिकस्त दी थी। कपिल देव की अगुआई वाली टीम ने 183 रन पर सिमटने के बावजूद दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज को 140 रन पर आउट कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय क्रिकेट आज जिस मुकाम पर है, उसका श्रेय 1983 की टीम को जाता है। कपिल ने हाल ही में एक वेब शो पर कहा कि उन्हें बहुत सी बातें याद नहीं है। अपने करियर में अनगिनत उपलब्धियां हासिल कर चुके दिग्गज के लिए यह स्वाभाविक भी है और उम्र का तकाजा भी। मदन लाल ने कहा था, ‘मैं अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि कैसे भूल सकता हूं। मुझे बहुत कुछ याद है। कपिल की वह पारी, वेस्ट इंडीज को हराना, कीर्ति आजाद का इयान बॉथम को आउट करना और ऑस्ट्रेलिया को हराना।’