विश्व को भारत की एकजुटता का संदेश देगी प्रधानमंत्री की ये अपील, 9 बजे 9 मिनट के लिए आप तैयार हैं न !
नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रात देशवासियों से 9 मिनट के लिए एक अपील की है। उन्होंने आज रात 9 बजे अपने घर के बाहर या बालकनी में दीपक, मोमबत्ती या मोबाइल की फ्लेश लाइट जलाने की अपील की है। यह रोशनी ही कोरोना के अंधकार को खत्म करने भारत की एकजुटता का परिचय देगी। ऋग्वेदकाल से कलयुग तक हिंदू धर्म में दीपक का बहुत महत्व बताया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फिर से अपने ट्विट को रिट्विट कर, आमजनों से इसके लिए तैयार होने की अपील की।
— Narendra Modi (@narendramodi) April 5, 2020
सकारात्मक उर्जा के लिए जलाए जाते हैं दीप
ऋग्वेद में बताया गया है कि दीप में देवताओं का असीम तेज रहता है इसलिए इससे सकारात्मक उर्जा का भी संचार होता है। ऋग्वेद काल से अग्नि प्रज्वलित करने यानी दीपक जलाने की परंपरा मनाई जाती है। बाद में अलग-अलग कारणों से ये परंपरा पर्वो के साथ जुड़ गईं। त्रेतायुग में श्रीराम के अयोध्या आने पर और द्वापरयुग में श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर राक्षस को मारने पर दीपक जलाए गए थे। इसके बाद कलयुग में दीपावली पर्व के दौरान सुख-समद्धि की कामना और उल्लास प्रकट करने के लिए 5 दिनों तक दीपक जलाए जाते हैं। वहीं अग्नि पुराण, ब्रम्हवैवर्त पुराण, देवी पुराण, उपनिषदों तथा वेदों में गाय के घी तथा तिल के तेल से ही दीपक जलाने का विधान है। मिट्टी का दिया पंच तत्व का प्रतीक है, इसे मिट्टी को पानी में गला कर बनाते हैं जो भूमि तत्व और जल तत्व का प्रतीक है, उसे बनाकर धूप और हवा से सुखाया जाता है जो आकाश तत्व और वायु तत्व के प्रतीक हैं फिर आग में तपाकर बनाया जाता है।
मुश्किल समय में मेहनत और हिम्मत का संदेश
- वैदिककाल में होने वाले सोमयज्ञ में तमसो मा ज्योतिर्गमय मंत्र पढ़ा जाता था। जो कि बृहदारण्यकोपनिषद् का मंत्र है। इस प्रार्थना का अर्थ है कि मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। इसलिए दीपक की रोशनी को ज्ञान का प्रतीक माना गया है। पुराणों में दीपक को सकारात्मकता का प्रतीक व दरिद्रता को दूर करने वाला भी कहा गया है।
- दीपक जलाने का कारण यह है कि हम अज्ञान का अंधकार मिटाकर अपने जीवन में ज्ञान के प्रकाश के लिए पुरुषार्थ करें। जिस तरह अग्नि गर्माहट और प्रकाश की अपनी विशेषता नहीं छोड़ती। उसी तरह हमें भी दीपक से प्रेरित होकर मुश्किल समय में भी पुरुषार्थी होकर सभी को साथ लेकर हिम्मत से आगे बढ़ना चाहिए। इसलिए हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार दीपक लगाना जरूरी माना गया है।