लॉकडाउन में कर्नाटका बिहार फाउंडेशन बना दिहाड़ी मजदूरों के लिए सहयोग का बड़ा माध्यम
कर्नाटक। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण पूर्ण बंदी मैं सर्वाधिक कष्ट का सामना प्रवासी दिहारी मजदूरों को करना पड़ रहा है। ऐसे परिस्थिति में कर्नाटका में फंसे बिहारी मजदूरों के लिए बिहार की संवेदनशील सरकार ने कर्नाटका बिहार फाउंडेशन को सहयोग पहुंचाने का माध्यम बनाया है। फाउंडेशन 25 मार्च से सहयोग के लिए हेल्पलाइन नंबर चला रही है। प्रतिदिन हजारों में जरूरतमंदों को बना हुआ भोजन एवं राशन दिया जा रहा है। सुदूर क्षेत्र में रहने वाले मजदूरों को नगद सहायता भी दी जा रही है। इस विषम काल में फाउंडेशन द्वारा चिकित्सीय मदद भी दी जा रही है।
फाउंडेशन के सचिव मूलतः हाजीपुर निवासी स्वराज किरण सिन्हा ने बताया की बिहार सरकार यथोचित व्यवस्था कर रही है जिसके कारण कर्नाटका में रहने वाले बिहारी मजदूरों को भूखे ना सोना पड़े। फाउंडेशन के प्रवक्ता मूलतः जहानाबाद निवासी आशुतोष के अनुसार यह व्यवस्था पूर्ण बंदी के अंतिम दिन तक चलेगी। उन्होंने कहा के प्रतिदिन 1750 बना हुआ भोजन का पैकेट वितरण में है। साथ ही वैसे मजदूर जिनके पास भोजन बनाने की व्यवस्था है उन्हें सूखा राशन का पैकेट जिसमें की 5 किलो चावल, 2 किलो दाल ,2 किलो आटा ,1 किलो चूड़ा 1 लीटर तेल ,1 किलो नमक, आधा किलो चीनी 1 किलो चना और मसाला पहुंचाया जा रहा है। साथ में एक साबुन और मास्क भी दिया जा रहा है।
हेल्पलाइन की देखरेख फाउंडेशन के सम्मानित सदस्य मूलतः समस्तीपुर निवासी अमित मिश्रा और दरभंगा निवासी अभिषेक जी कर रहे हैं। राशन के पैकेट को बनवा कर जरूरतमंद तक पहुंचाने की पूरी व्यवस्था सम्मानित सदस्य मूलतः मुजफ्फरपुर निवा/सी सनी राज कर रहे हैं। बेंगलुरु के अंदर अनेक बिहारी संगठन राहत कार्य में जुड़े हुए हैं जिनके साथ समन्वय की जिम्मेदारी फाउंडेशन सदस्य सीतामढ़ी निवासी राहुल झा के कंधों पर है।
कर्नाटक सरकार द्वारा चलाया जा रहा राहत कार्य का समन्वय सम्मानित सदस्य मूलतः समस्तीपुर निवासी गौतम आजाद जी और बेगूसराय निवासी अमर जमादियार जी देख रेख में हो रहा है। कर्नाटका बिहार फाउंडेशन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बिहार के जो अन्य संगठन महत्वपूर्ण रूप से राहत कार्य में लगे हैं उनमें जन सहयोग संगठन, श्री सिद्धार्थ सांस्कृतिक परिषद, श्री सिद्धार्थ सांस्कृतिक समिति, उत्तर भारतीय एकता मंच, मद्धेशिया समाज ,विश्वकर्मा समाज, कर्नाटका मिथिला सांस्कृतिक परिषद, ब्रह्मर्षि समाज, चित्रगुप्त समाज, पूर्व सैनिक मंच, अखिल भारतीय जन सेवा संगठन और ब्रह्म वादी समाज प्रमुख है। कर्नाटका बिहार फाउंडेशन इस संवेदनशीलता के लिए सारे संगठनों और बिहार सरकार का हृदय से धन्यवाद करती है।।