लॉकडाउन 2 के लिए गाइडलाइन हुई जारी, ये सब करना होगा जरूरी....

लॉकडाउन 2 के लिए गाइडलाइन हुई जारी, ये सब करना होगा जरूरी....

नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ देश में बुधवार से लॉकडाउन का फेज-2 शुरू गया गया है। यह 3 मई तक चलेगा। इस बीच केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की नई गाइडलाइन जारी कर दीं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि सार्वजनिक स्थानों और काम करने की जगह पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा। पब्लिक प्लेस पर थूकने पर सजा और जुर्माना देना होगा। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशभर में 21 दिन से जारी लॉकडाउन 19 दिन और बढ़ा दिया था। उन्होंने कहा था कि इस बार लॉकडाउन से बाहर निकलने के नियम बहुत सख्त होंगे, जहां कोरोना नहीं फैलेगा, वहां 20 अप्रैल से कुछ जरूरी चीजों को सशर्त छूट मिलेगी। पहले फेज का लॉकडाउन 25 मार्च से 14 अप्रैल तक था।

पब्लिक प्लेस को लेकर गाइडलाइन

  • पब्लिक प्लेस और वर्क प्लेस पर मास्क लगाना जरूरी होगा।
  • पब्लिक प्लेस, वर्क प्लेस और ट्रांसपोर्ट सेवाओं के इंचार्ज की यह जिम्मेदारी होगी कि वह सरकार के निर्देशों के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराए।
  • किसी भी संस्थान या पब्लिक प्लेस के मैनेजर को 5 या उससे ज्यादा लोगों के एक साथ जमा करने की इजाजत नहीं होगी।
  • शादी या अंतिम संस्कार पर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट का निर्देश मान्य होगा।
  • पब्लिक प्लेस पर थूकने पर सजा के साथ जुर्माना भी होगा।
  • शराब, गुटखा और तंबाकू उत्पाद की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा।

 वर्क प्लेस को लेकर गाइडलाइन

  • सभी संस्थानों में कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था करनी होगी।
  • शिफ्ट बदलने के दौरान एक घंटे का गैप देना जरूरी होगा। लंच के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा।
  • घर में 65 साल से ज्यादा के बुजुर्ग या 5 साल से कम उम्र के बच्चे हैं, तो कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
  • निजी और सरकारी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों को आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल को बढ़ावा देना होगा।
  • सभी संस्थान शिफ्ट खत्म होने पर ऑफिस या परिसर को सैनिटाइजेशन कराएं।
  • संस्थान या ऑफिस में बड़े स्तर पर मीटिंग नहीं की जा सकेंगी।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट, खेती, स्वास्थ्य सेवाएं और फाइनेंशियल सेक्टर से जुड़ी गाइडलाइन

1. ये सुविधाएं 3 मई तक बंद

  • सभी तरह की घरेलू और विदेशी उड़ानें (सुरक्षा कारणों से होने वाली आवाजाही और कार्गो छोड़कर) बंद रहेंगी।
  • यात्री ट्रेनों की सभी तरह की आवाजाही (सुरक्षा कारणों को छोड़कर) बंद रहेगी।
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल होने वाली बसें नहीं चलेंगी।
  • मेट्रो रेल सेवाएं बंद रहेंगी।
  • मेडिकल वजहों को छोड़कर बाकी सभी लोगों का एक दूसरे से जिलों और एक से दूसरे राज्यों में मूवमेंट नहीं होगा।
  • सभी तरह के एजुकेशन, ट्रेनिंग और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स बंद रहेंगे।
  • जिन्हें इजाजत मिली हुई है, उसे छोड़कर सभी तरह की कमर्शियल और इंडस्ट्रियल गतिविधियां बंद रहेंगी।
  • जिन्हें इजाजत मिली हुई है, उसे छोड़कर हॉस्पिटैलिटी सेवाएं भी नहीं चलेंगी।
  • ऑटो रिक्शा, साइकिल रिक्शा, टैक्सी और कैब सेवाएं बंद रहेंगी।
  • सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल और इनके जैसी जगहें भी नहीं खुलेंगी।
  • सभी तरह के सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, अकादमिक, सांस्कृतिक और धार्मिक समारोह या जमावड़े की इजाजत नहीं होगी।
  • आम लोगों के लिए सभी तरह के धार्मिक स्थान और इबादत की जगहें बंद रहेंगी। धार्मिक जमावड़े को कड़ाई से बंद रखना होगा।

2. हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन को लेकर गाइडलाइन

  • कोरोनावायरस संक्रमण को बढ़ाने वाले क्षेत्रों को भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से तय गाइडलाइंस के मुताबिक ही हॉटस्पॉट घोषित किया जाए।
  • राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और जिला प्रशासन इन्हीं गाइडलाइंस के मुताबिक हॉटस्पाॅट्स के तहत आने वाने कंटेनमेंट जोन भी घोषित करें।
  • कंटेनमेंट जोन के अंदर किसी भी तरह की गतिविधि नहीं हो सकेगी। कंटेनमेंट जोन के परिधि में आने वाले इलाकों को सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा। मेडिकल और लॉ एंड ऑर्डर जैसी जरूरी सेवाओं को छोड़कर कंटेनमेंट जोन के अंदर और बाहर लोगों का मूवमेंट नहीं हो सकेगा। इससे जुड़ी गाइडलाइंस का सख्ती से पालन किया जाए।

3. चुनिंदा गतिविधियों की 20 अप्रैल से इजाजत दी जाएगी

  • आम लोगों को आ रही दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए कुछ चुनिंदा गतिविधियों को 20 अप्रैल से इजाजत देने का फैसला किया गया है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करते हुए इन गतिविधियों की इजाजत देंगे। इजाजत देने से पहले राज्य सरकारों की जिम्मेदारी यह देखने की होगी कि जिन गतिविधियों को शुरू करने को कहा जा रहा है, उन दफ्तरों में सोशल डिस्टेंसिंग जैसी तैयारियां हैं या नहीं।

4. लॉकडाउन गाइडलाइंस पर सख्ती से अमल होगा

  • राज्य सरकारें अपने क्षेत्रों में किसी भी तरह से लॉकडाउन से जुड़ी गाइडलाइंस में ढील नहीं देंगी।

5. सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं जारी रहेंगी

  • अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक, टेलिमेडिसिन सेवाएं।
  • डिस्पेंसरी, केमिस्ट, फार्मेसी, जन औषधि केंद्रों समेत सभी तरह की दवा की दुकानें और मेडिकल इक्विपमेंट की दुकानें।
  • मेडिकल लैब और कलेक्शन सेंटर।
  • फार्मा और मेडिकल रिसर्च लैब, कोरोना से जुड़ी रिसर्च करने वाले संस्थान।
  • वेटरनरी अस्पताल, डिस्पेंसरी क्लिनिक, पैथोलॉजी लैब, टीकों और दवाओं की बिक्री।
  • कोरोना रोकने के लिए जरूरी सेवाएं देने वाले सभी अधिकृत निजी संस्थान, होम केयर, डायग्नोस्टिक और अस्पतालों के लिए काम करने वाली सप्लाई चेन।
  • दवा, फार्मा, मेडिकल डिवाइस, मेडिकल ऑक्सीजन, उससे जुड़ा पैकेजिंग मटेरियल और रॉ मटेरियल बनाने वाली मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स।
  • एंबुलेंस समेत मेडिकल, हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण।
  • सभी तरह की मेडिकल, वेटरनरी सेवाओं से जुड़े लोग, साइंटिस्ट, नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, मिड वाइव्स और एंबुलेंस समेत अस्पताल से जुड़ी सेवाओं को करने वाले लोगों का राज्य के अंदर और बाहर मूवमेंट जारी रहेगा।

6. खेती से जुड़ी सभी तरह की गतिविधियाें को इजाजत रहेगी

  • खेतों में काम करने वाले किसान और खेती का काम करने वाले अन्य लोग।
  • एमएसपी ऑपरेशंस समेत कृषि उपज की खरीद करने वाली एजेंसियां।
  • राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचित मंडियां।
  • खेती की मशीनें और उनके स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खुल सकेंगी।
  • फार्म मशीनरी से कस्टम हायरिंग सेंटर संबद्ध रहेंगे।
  • उर्वरक, कीटनाशक और बीजों का बनना और वितरण जारी रहेगा।
  • खेत जोतने के काम आने वाली मशीनों मसलन हार्वेस्टर और अन्य चीजों का राज्य के अंदर और बाहर आना-जाना हो सकेगा।

7. फाइनेंशियल सेक्टर

  •  आरबीआई, इससे संचालित वित्तीय बाजार और एनपीसीएल, सीसीआईएल, पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स काम करेंगे।
  •  बैंक की शाखाएं, एटीएम खुलेंगे। बैंक ऑपरेशन से जुड़े आईटी वेंडर्स, बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट और एटीएम ऑपरेशन और कैश मैनेजमेंट एजेंसियां भी काम कर सकेंगी।
  •  बैंक शाखाएं भी सामान्य वर्किंग आवर में काम कर सकेंगी।
  •  सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके, इसलिए स्थानीय प्रशासन बैंक शाखाओं को सुरक्षाकर्मी मुहैया कराएगा।  
  •  कैपिटल और डेबिट मार्केट सेबी के निर्देशों के अनुसार काम करेगा।
  •  आईआरडीएआई और बीमा कंपनियों में भी कामकाज हो सकेगा।

8. सभी केंद्रीय कार्यालय और इससे जुड़े ऑफिस खुलेंगे 

  • सशस्त्र बल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आपदा प्रबंधन, मौसम विभाग, केंद्रीय सूचना आयोग, एफसीआई, एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र और कस्टम के दफ्तरों में बिना रुकावट काम होगा।
  •  मंत्रालय, उनके विभागों और संबंधित दफ्तरों में उपसचिव और उससे बड़े सभी अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। इनके अलावा बाकी 33 फीसदी स्टाफ ऑफिस में रहेगा।

9. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कार्यालय और उनसे जुड़े ऑफिस भी खुले रहेंगे 

  •  पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, फायर और इमरजेंसी सर्विस, आपदा प्रबंधन, जेल और नगरीय निकाय के दफ्तरों में कामकाज जारी रहेगा।
  •  इसके अलावा राज्यों के अन्य विभागों में स्टाफ की सीमित संख्या के साथ काम होगा। ग्रुप ए और बी के अधिकारी जरूरत पड़ने पर ऑफिस आएंगे। ग्रुप सी और उसके नीचे के 33 फीसदी कर्मचारी के साथ कामकाज होगा।
  •  जिला प्रशासन और कोषागार में कर्मचारियों की सीमित संख्या के साथ काम होगा। हालांकि, जरूरी सेवाओं की डिलेवरी में लगे कर्मचारियों को छूट रहेगी।
  •  वन विभाग के कर्मचारी चिड़ियाघरों, नर्सरी, पेडों की सिंचाई और जंगल में आग पर काबू पाने काम कर सकेंगे। 

10. लोगों को क्वारैंटाइन करना जारी रहेगा 

  •  स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुसार कोरोना के संदिग्ध या मरीज के संपर्क में आने वालों को होम क्वारैंटाइन करना जारी रहेगा। क्वारैंटाइन के नियम तोड़ने पर कानूनी कार्रवाई होगी।
  • 15 फरवरी के बाद भारत आए लोग जिनकी क्वारैंटाइन अवधि खत्म हो गई है और उन्हें कोरोना निगेटिव पाया गया हो। ऐसे लोगों को गृह मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक रिलीज किया जाएगा।

11. लॉकडाउन को लागू कराने के जरूरी निर्देश

  •  सभी जिलों के कलेक्टर पर लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदारी होगी। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
  •  सभी उद्योग, वर्क प्लेस और दफ्तरों में भी लॉकडाउन के लिए जारी सरकार के निर्देशों का पालन करना जरूरी होगा।
  •  लॉकडाउन का पालन कराने के लिए कलेक्टर स्थानीय एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट को इंसीडेंट कमांडर के रूप में तैनात करेंगे। किसी इलाके में लॉकडाउन को लेकर पूरी जिम्मेदारी इंसीडेंट कमांडर की होगी।
  •  इंसीडेंट कमांडर संसाधनों, मजदूरों और जरूरी सामान को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की जिम्मेदारी भी देखेंगे।

12. सजा के प्रावधान
अगर कोई व्यक्ति लॉकडाउन के नियमों को तोड़ता है तो उसके खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 की धारा 51 से 60 और आईपीसी की धारा 188 के तहत केस दर्ज किया जाएगा।