जब दुख और हताशा का भाव ज्यादा दिखता है, तो भगवान बुद्ध की सीख हो जाती है प्रासंगिक
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुद्ध पूर्णिमा के अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। उन्होंने दुनियाभर में फैले भगवान बुद्ध के अनुयायियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया में उथल-पुथल है, कई बार दुख-निराशा-हताशा का भाव बहुत ज्यादा दिखता है, तब भगवान बुद्ध की सीख और भी प्रासंगिक हो जाती है।
मोदी ने कहा कि आपके बीच आना बहुत खुशी की बात होती, लेकिन अभी हालात ऐसे नहीं हैं। दूर से ही टेक्नोलॉजी के माध्यम से आपने मुझे अपनी बात रखने का मौका दिया, इसका संतोष है। बुद्ध कहते थे कि थक कर रुक जाना, कोई विकल्प नहीं होता। मानव को लगातार ये कोशिश करनी चाहिए कि मुश्किल हालातों पर जीत हासिल करे, उनसे बाहर निकले। आज हम सब एक कठिन परिस्थिति से निकलने के लिए लगातार जुटे हुए हैं।