महाराष्ट्र में फंसे केदारनाथ का रावल, प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा ये...
देहरादून। केदारनाथ मंदिर के कपाट 29 अप्रैल को खुलने हैं, जबकि यहां के मुख्य रावल अभी महाराष्ट्र के नांदेड़ में फंसे हुए हैं। उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मंदिर के कपाट खुलने से पूर्व केदारनाथ पहुंचने की अनुमति मांगी है। उन्होंने सड़क मार्ग से उत्तराखंड जाने की इजाजत मांगी है। हालांकि, उन्हें अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। इस बीच, उत्तराखंड सरकार उन्हें एयरलिफ्ट करने पर विचार कर रही है। उनके साथ मंदिर ट्रस्ट के चार और लोग भी हैं। केदारनाथ को पहनाया जाने वाला सोने का मुकुट भी उन्हीं के पास है। लॉकडाउन के चलते टिहरी राजघराने के सदस्यों का पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है, परंपरा के मुताबिक कपाट खुलते वक्त उनका होना भी जरूरी है।
केदारनाथ के कपाट 29 अप्रैल से खुलेंगे
29 अप्रैल को सुबह 6 बजे से केदारनाथ के कपाट खुलने हैं, जबकि इससे पहले 26 अप्रैल को यमनोत्री गंगोत्री के कपाट खुलेंगे। हालांकि, सरकार ने इस बार चारधाम मंदिरों के दर्शन ऑनलाइन करवाने का फैसला लिया है। इस पर स्थानीय लोगों और पुजारियों ने आपत्ति जताई है।
परंपरा के मुताबिक रावल ही मूर्ति छू सकते हैं
केदारनाथ के रावल (गुरु) महाराष्ट्र या कर्नाटक और बद्रीनाथ के केरल से होते हैं। ये लोग यहीं से हर साल यात्रा के लिए आते हैं। परंपरा के मुताबिक, केदारनाथ के रावल खुद पूजा नहीं करते, लेकिन इन्हीं के निर्देश पर पुजारी मंदिर में पूजा करते हैं। वहीं, बद्रीनाथ के रावल के अलावा कोई और बद्रीनाथ की मूर्ति नहीं छू सकता।