तबलीगी जमात के साथ राजधानी समेत पांच ट्रेनों में सफर करने वाले हजारों यात्रियों की तलाश में जुटा रेलवे
नई दिल्ली। निजामुद्दीन मरकज में शामिल तबलीगी जमात के 24 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद देश के सामने चुनौती और भी बड़ी हो गई है। अब उन लोगों का पता लगाया जा रहा है जो मरकज के कार्यक्रम में शामिल होकर अपने-अपने घरों को लौट रहे जमातियों के संपर्क में आए थे। रेलवे इस बेहद चुनौतीपूर्ण काम को अंजाम देने में जुट गया है।
रेलवे उन पांच ट्रेनों के यात्रियों का पता लगाने में जुट गई है जिनमें जमातियों ने दिल्ली से अपने-अपने गंतव्यों तक सफर किया था। इन ट्रेनों से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या हजारों में है। ये सभी ट्रेनें 13 से 19 मार्च के बीच दिल्ली से रवाना हुईं थीं। इनमें आंध्र प्रदेश को जानेवाली दुरंतो एक्सप्रेस, चेन्नै तक जाने वाली ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस, चेन्नै को ही जानेवाली तमिलनाडु एक्सप्रेस, नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस और एपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस शामिल हैं।
हालांकि रेलवे के पास जमातियों के संपर्क में आए लोगों की वास्तविक आंकड़ा नहीं हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक ट्रेन में लगभग 1,000 से 1,200 यात्री और रेलवे कर्मचारी होते हैं। इन सभी को खतरा हो सकता है। राज्य के अधिकारियों ने कहा कि रेलवे जिला अधिकारियों को यात्रियों की लिस्ट प्रदान कर रहा है जिनको जमात में शामिल लोगों की सूची से मिलाया जा रहा है ताकि उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा सके।
गृह मंत्रालय ने भी देशभर में तबलीगी जमात से जुड़ी गतिविधियों का ब्योरा दिया है। इसके मुताबिक, जमात ने देशभर में धर्म प्रचार का कार्यक्रम 'चिल्ला' चला रखा था। इसके लिए सैकड़ों देसी-विदेशी प्रचारकों ने देश के अलग-अलग हिस्सों का दौरा किया। गृह मंत्रालय के मुताबिक, 21 मार्च तक 824 विदेशी मुसलमान देश के विभिन्न हिस्सों में इस्लाम का प्रचार कर रहे थे जबकि 216 विदेशी निजामुद्दीन मरकज में मौजूद थे। ये विदेशी मुस्लिम इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड, नेपाल, म्यामांर, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान से आकर तबलीग के धर्म प्रचार के काम में जुटे थे।