लॉकडाउन के बीच आरबीआई ने दी जनता को बड़ी राहत, पढ़ें ये खबर
मुंबई। देश में चल रहे लॉकडाउन के बीच आरबीआई ने आज लोगों को बड़ी राहत दी है। आरबीआई ने लोन के भुगतान में राहत देने और लोन सस्ता करने का फैसला किया है। टर्म लोन की किश्त के भुगतान में तीन महीने की राहत दी गई है। रेपो रेट में भी 0.75% कमी की गई है। इससे सभी तरह के लोन सस्ते होंगे। रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंकों को आरबीआई से कर्ज मिलता है। बैंकों को सस्ता कर्ज मिलेगा तो वे ग्राहकों के लिए भी रेट घटाएंगे। रेपो रेट पहले 5.15% था, अब 4.40% रह गया है।
All commercial banks including regional rural banks, cooperative banks,NBFCs (including housing finance companies)&lending institutions are being permitted to allow a moratorium of 3 months on payment of installments in respect of all term loans outstanding as on March 1: RBI Guv pic.twitter.com/L6xl2lpu1w
— ANI (@ANI) March 27, 2020
आरबीआई के 5 बड़े कदम
- रेपो रेट में 0.75% कमी
- टर्म लोन की किश्त चुकाने में तीन महीने की छूट
- वर्किंग कैपिटल पर ब्याज का भुगतान तीन महीने टाला
- कैश रिजर्व रेश्यो 1% घटाया
- आरबीआई के फैसलों से सिस्टम में 3.74 लाख करोड़ रुपए की नकदी बढ़ेगी
- ईएमआई में तीन महीने की छूट के मायने क्या हैं ?
ईएमआई पेमेंट में छूट का मतलब यह नहीं कि आपको कभी बकाया भुगतान नहीं करना पड़ेगा। बस तीन महीने टाल सकते हैं, बाद में भुगतान करना होगा। यह कदम इस मकसद से उठाया गया है कि लॉकडाउन की वजह से जिनके पास वाकई नकदी की कमी होती है तो उन्हें कर्ज के भुगतान में कुछ समय मिल जाए। विशेषज्ञों की राय है कि वेतनभोगी या जिनके पास पर्याप्त नकदी है उन्हें ईएमआई समय पर ही चुकानी चाहिए, नहीं तो उन पर ही बोझ बढ़ेगा।
इस फैसले से इनको होगा फायदा -
- आम आदमी को : नकदी की कमी की वजह से तीन महीने तक लोन की किश्त नहीं चुका पाएंगे तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा।
- छोटी कंपनियों को : वर्किंग कैपिटल लोन के ब्याज भुगतान में तीन महीने की राहत मिल जाएगी। क्रेडिट हिस्ट्री पर भी असर नहीं पड़ेगा।
- बैंकों को : कोरोनावायरस की वजह से अर्थव्यवस्था और जनजीवन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में आशंका थी कि कई ग्राहक डिफॉल्ट कर सकते हैं। इससे बैंकों का एनपीए बढ़ता, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कर्ज का भुगतान नहीं आने से बैंकों के पास कैश की कमी नहीं हो, इसके लिए नकदी बढ़ाने के उपाय भी किए गए हैं।
- रेपो रेट घटने से क्या ईएमआई घटेगी ?