एक जैसी ही इटली और भारत में कोरोना और केस की रफ्तार, फर्क सिर्फ इस बात का

एक जैसी ही इटली और भारत में कोरोना और केस की रफ्तार, फर्क सिर्फ इस बात का

नई दिल्ली। भारत में जिस तरह से कोरोना संक्रमण गति पकड़ रहा है, यह आंकड़ें इटली जैसी ही स्थिति की ओर इशारा कर रहा है। बस हम समय में उससे एक महीने पीछे हैं। वर्ल्ड मीटर के आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल तक भारत में कोरोना के 1998 केस आए थे और 58 मौतें हुई थीं। एक महीने पीछे यानी एक मार्च के इटली के आंकड़े देखें तो वहां इस तारीख तक कोरोना के 1577 केस आए थे, जबकि मौतें 41 हुई थीं। सोमवार यानी छह अप्रैल तक के आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस के 4778 केस सामने आ चुके हैं, जबकि 136 मौतें हुई हैं। अब इससे एक महीने पीछे चलें, यानी इटली में 6 मार्च तक का कोरोना ग्राफ देखें तो वहां 4636 केस आए थे, जबकि 197 मौतें हुई थीं।

भारत में अब रोज उतने ही केस आ रहे, जितने एक महीने पहले रोज इटली में आ रहे थे

भारत और इटली में रोजाना के केस और मौतों की संख्या भी लगभग एक जैसी ही है। यहां भी बस अंतर समय का है। एक महीने पहले इटली में रोजाना भारत जितने ही केस आ रहे थे और मौतें भी लगभग बराबर हो रही थीं। इटली में एक मार्च को 573 केस आए थे और 12 मौतें हुई थीं। एक महीने बाद भारत में एक अप्रैल को 601 केस आए और 23 मौतें हुईं।

भारत में कोरोना से रोज की औसत मृत्युदर भी एक महीने पहले के इटली जैसे ही है

कोरोनावायरस से भारत और इटली में रोजाना की मृत्युदर भी लगभग एक जैसी है। दोनों देशों के बीच अंतर सिर्फ समय का है। आंकड़ों पर गौर पर करें तो पता चलता है कि एक महीने पहले इटली में कोरोना से रोजाना की औसत मृत्युदर तकरीबन भारत के मौजूदा हालात जैसे ही थे। 1 मार्च को इटली में कोरोना से मृत्युदर 33.01 फीसदी थी। एक महीने बाद 1 अप्रैल को भारत में कोरोना से मृत्यदर 28.16 फीसदी थी।