नौसेना में महिला अफसरों को भी मिली परमानेंट कमीशन की इजाजत
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज नौसेना में महिला अफसरों को परमानेंट कमीशन दिये जाने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि महिलाओं में भी पुरुष अफसरों की तरह समुद्र में रहने की काबिलियत है। 2007 के एसएससी जेएजी बैच की इकलौती महिला अफसर ने परमानेंट कमीशन को लेकर याचिका दायर की थी। इसमें महिलाओं के साथ लैंगिक आधार पर भेदभाव का दावा किया था। 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन देने का आदेश दिया था।
क्या है परमानेंट कमीशन?
सेना में परमानेंट कमीशन मिलने के बाद कोई अधिकारी रिटायरमेंट तक सेना में काम कर सकता है और उसे पेंशन भी मिलती है। सेना में अधिकारियों की कमी पूरी करने के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन शुरू हुआ था। इसके तहत पुरुषों और महिलाओं दोनों की भर्ती की जाती है, जिन्हें 14 साल में रिटायर कर दिया जाता है और उन्हें पेंशन भी नहीं मिलती। परमानेंट कमीशन के लिए नेवी में केवल पुरुष अधिकारी ही आवेदन कर सकते हैं।